ANI: देश में जारी लॉकडाउन के बीच यस बैंक मामले से जुड़े डीएचएफएल के प्रमोटर्स कपिल वाधवान और उनका परिवार महाबलेश्वर पहुंच गया। इस मामले को राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने गंभीरता से लिया और गृह मंत्री अनिल देशमुख को निजी तौर पर इसे देखने के लिए कहा। जिसके बाद गृह विभाग में तैनात प्रधान सचिव (विशेष) अमिताभ गुप्ता को आवश्यक छुट्टी पर भेज दिया गया है। गृह मंत्री देशमुख ने ट्वीट कर कहा, 'माननीय मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ चर्चा के बाद प्रधान सचिव (विशेष) अमिताभ गुप्ता को उनके खिलाफ जारी जांच के पूरा होने तक तत्काल प्रभाव से अनिवार्य अवकाश पर भेज दिया गया है। कानून सभी के लिए समान है।' इससे पहले उन्होंने कहा था कि वाधवान परिवार के 23 सदस्य महाबलेश्वर कैसे पहुंचे इसकी जांच होगी।जिसके बाद राज्य सरकार ने यह कार्रवाई की है।
दरअसल, गृह विभाग में तैनात प्रमुख सचिव (विशेष) अमिताभ गुप्ता ने वाधवान परिवार के 23 लोगों को कथित तौर पर महाबलेश्वर की यात्रा करने की इजाजत दे थी। दोनों पिता-पुत्र कपिल और धीरज वाधवान के परिवार के सदस्यों और सहयोगियों को हिरासत में ले लिया गया है।
एक आधिकारिक लेटरहेड पर जारी पत्र में गुप्ता ने लिखा था कि 'निम्नलिखित (व्यक्ति) को मैं अच्छी तरह से जानता हूं क्योंकि वे मेरे पारिवारिक मित्र हैं और परिवार में आई आपात स्थिति की वजह से वह खंडाला से महाबलेश्वर तक की यात्रा कर रहे हैं।'
पत्र में पांच वाहनों का विवरण दिया गया था जिसमें ये 23 व्यक्ति यात्रा कर रहे थे। इसमें वाधवान परिवार के वाहन भी शामिल थे। हालांकि उनके इस कदम से मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे नाराज हो गए क्योंकि इस समय सरकार सभी लोगों को घर के अंदर रहने की सलाह दे रही है
रिपोर्ट्स के अनुसार प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मार्च में डीएचएफएल के प्रमोटर वाधवान को यस बैंक से जुड़े मामले में नया समन जारी किया था। हालांकि वह कोविड-19 का बहाना बनाकर ईडी के सामने पेश नहीं हुए। कपिल और धीरज को इसी साल फरवरी में विशेष मनी लांड्रिंग अदालत ने जमानत दी थी।
क्वारंटाइन में वाधवान परिवार
केंद्रीय एजेंसियों सीबीआई और ईडी ने महाराष्ट्र पुलिस से वाधवान परिवार को लेकर संपर्क किया। वाधवान परिवार के सदस्यों को महाबलेश्वर की स्थानीय पुलिस ने शहर आने के बाद गुरुवार को शैक्षणिक क्वारंटाइन (एकांतवास) में रखा है। उन्होंने लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन किया है।